शुरूआत में बार-बार पांव में मोच आना और हमेशा दर्द होना इसका संकेत है।
5.
भारी वजन उठाना या ज्यादा खींचतान करने से मोच आना, कमर की मांसपेशियों में मोच या खिंचाव।
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* भारी वजन उठाना या ज्यादा खींचतान करने से मोच आना, कमर की माँसपेशियों में मोच या खिंचाव।
7.
आशा है एक साथ आई परेशानियाँ: माई का अवकाश पर जाना, पिताजी का रक्तचाप बढ़ना और उस पर आपके पैर में मोच आना, शीघ्र समाप्त हो जायेंगी-उसी विघ्नहर्ता की कृपा से...
8.
जोड़ों की इन बीमारियों के अतिरिक्त भूख न लगना, अमीबिक पेचिश, खाँसी, जुकाम, दमा और शरीर में दर्द के साथ बुखार, कब्ज होना, कान में दर्द, उल्टियाँ होना, मोच आना, उदर शूल और मासिक धर्म में अनियमितता होना इन सब रोगों में भी अदरक (सोंठ) को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
9.
औषधि के रूप में इसका प्रयोग गठिया, र् यूमेटिक आर्थराइटिस (आमवात, जोड़ों की बीमारियों) साइटिका और गर्दन व रीढ़ की हड्डियों की बीमारी (सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस) होने पर, भूख न लगना, मरोड़, अमीबिक पेचिश, खाँसी, जुकाम, दमा और शरीर में दर्द के साथ बुखार, कब्ज होना, कान में दर्द, उल्टियाँ होना, मोच आना, उदर शूल और मासिक धर्म में अनियमितता होना, एंटी-फंगल।